Festive season begins: अक्टूबर के लिए त्योहारों की पूरी सूची

Rupnagar (Punjab) | एस्ट्रोलॉजर अनिल कौशल

(Mark Your Calendar for October’s Grand Festivities) अक्टूबर महीने की शुरुआत शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि से हो रही है और इसके साथ ही धार्मिक उत्सवों की एक लंबी श्रृंखला शुरू होगी। जिसमें दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, छठ पूजा और अहोई अष्टमी शामिल है।

यह महीना केवल त्योहारों का कैलेंडर भर नहीं है, बल्कि आस्था, अध्यात्म, परिवारिक मिलन और सांस्कृतिक उत्सव का अद्भुत मिश्रण है।

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1 अक्टूबर 2025: महानवमी

महानवमी शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन है, जो माता सिद्धिदात्री की पूजा के लिए समर्पित है।

इस दिन कन्या पूजन और हवन का विशेष महत्व है।

इस दिन माता को खीर, हलवा और काले चने का भोग अर्पित करते हैं। कन्याओं को माता के स्वरूप के रूप में पूजकर भोजन और दक्षिणा दी जाती है।

👉 पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक रहेगा।

2 अक्टूबर 2025: दशहरा (विजयादशमी)

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है।

इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और माता दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था।

देशभर में रावण दहन, रामलीला और शस्त्र पूजन की परंपरा निभाई जाती है।

यह दिन नए कार्य शुरू करने और शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।

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👉 शुभ मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:57 बजे तक रहेगा।

3 अक्टूबर 2025: पापांकुशा एकादशी

पापांकुशा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह व्रत अकाल मृत्यु से मुक्ति दिलाता है।


👉 एकादशी की शुरुआत 2 अक्टूबर को शाम 7:10 बजे से होगी और 3 अक्टूबर को शाम 6:32 बजे तक रहेगी।

4 अक्टूबर 2025: शनि प्रदोष व्रत

शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।

इस दिन हनुमानजी की पूजा भी विशेष फलदायी मानी जाती है।

यह व्रत शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करता है और दीर्घायु प्रदान करता है।

👉 पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे तक रहेगा।

6 अक्टूबर 2025: शरद पूर्णिमा (कोजागर पूजा)

शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है।

मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी किरणों में अमृत बरसता है।

भक्त चांदनी में दूध-चावल की खीर रखते हैं, जिसे सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

7 अक्टूबर 2025: वाल्मीकि जयंती, मीराबाई जयंती

इस दिन संत वाल्मीकि, जिन्होंने रामायण की रचना की और भक्ति कवयित्री मीराबाई की जयंती मनाई जाती है।

यह दिन भक्ति, साहित्य और नैतिकता की शिक्षा देता है। भक्त मंदिरों में पूजा और भजन-कीर्तन करते हैं।

8 अक्टूबर 2025: कार्तिक मास प्रारंभ

कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है।

इस मास में स्नान, दान और पूजा-पाठ विशेष फलदायी होते हैं।

इस दिन से कई लोग कार्तिक स्नान शुरू करते हैं, जो आध्यात्मिक शुद्धि के लिए किया जाता है।

10 अक्टूबर 2025: करवा चौथ, संकष्टी चतुर्थी

करवा चौथ विवाहित महिलाओं का प्रमुख व्रत है, जिसमें वे अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं।

शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

13 अक्टूबर 2025: अहोई अष्टमी

अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए रखती हैं।

इस दिन माता अहोई की पूजा की जाती है और शाम को तारों के दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है।

यह व्रत विशेष रूप से उत्तर भारत में लोकप्रिय है।

17 अक्टूबर 2025: रमा एकादशी, तुला संक्रांति

रमा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।

यह व्रत माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है, और धन-संपदा की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।

उसी दिन सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा, जो तुला संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।

18 अक्टूबर 2025: धनतेरस, शनि प्रदोष व्रत, यम दीपम

धनतेरस पर माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा की जाती है।

इस दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

शनि प्रदोष व्रत और यम दीपम भी उसी दिन मनाए जाएंगे, जो यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीप जलाने की परंपरा है।

20 और 21 अक्टूबर 2025: नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, दिवाली

दिवाली, प्रकाश का पर्व, अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है।

घरों में दीप जलाए जाते हैं और मिठाइयां बांटी जाती हैं। नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं, उसी दिन मनाई जाएगी।

👉 लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहेगा।

22 अक्टूबर 2025: गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, जो गोवर्धन पर्वत को उठाने की स्मृति में मनाई जाती है।

इस दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।

23 अक्टूबर 2025: भाई दूज

भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का पर्व है।

बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख के लिए पूजा करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

25 अक्टूबर 2025: विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

यह व्रत बाधाओं को दूर करने और नए कार्यों में सफलता के लिए रखा जाता है।

27 अक्टूबर 2025: छठ पूजा

छठ पूजा सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित महापर्व है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।

यह चार दिनों तक चलता है, जिसमें नहाय-खाय, खरना, डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।

यह पर्व संतान और परिवार की सुख-शांति के लिए मनाया जाता है।

31 अक्टूबर 2025: अक्षय नवमी

अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है।

इस दिन दान, स्नान और पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

यह दिन आंवला पूजा के लिए भी विशेष है।

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