Rupnagar (Punjab) | एस्ट्रोलॉजर अनिल कौशल
(Communication, Love & Luxury: Venus Power in Horoscope) “हेलो फ्रेंड्स, लर्न एस्ट्रोलॉजी में आपका स्वागत है।
ग्रहों की रहस्यमयी दुनिया को समझने की इस यात्रा में आज हम बात करेंगे सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुखों के कारक—शुक्र ग्रह की।
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पिछली वीडियोज में आपने जाना कि जब शुक्र जन्म कुंडली के पहले और दूसरे घर में होता है, तो वह जीवन में क्या असर डालता है।
लेकिन आज की कड़ी और भी खास है—क्योंकि अब हम खोलेंगे उस रहस्य से पर्दा, जब शुक्र किसी जातक की कुंडली के तीसरे घर और चौथे घर में विराजमान होता है।

क्या ऐसे जातक जन्म से ही कला, संगीत और संवाद में निपुण होते हैं? क्या उनका जीवन वैभव और सुख-समृद्धि से भरा होता है या फिर चुनौतियों से? आइए, जानते हैं विस्तार से—शुक्र ग्रह की शक्ति और उसके प्रभाव।”
✨ शुक्र ग्रह तीसरे घर में – जीवन पर असर ✨
सबसे पहले बात करते हैं जब शुक्र ग्रह किसी जातक की जन्म पत्रिका के तीसरे घर में स्थित होता है।
तीसरा घर होता है कम्युनिकेशन का घर—यानी विचारों को व्यक्त करने, बातचीत करने और संबंध बनाने की कला का स्थान। यहां
कालपुरुष की कुंडली में बुध की राशि होती है। चूंकि बुध वाणी और संवाद का कारक ग्रह है, इसलिए जब शुक्र यहां बैठता है तो इसका प्रभाव बहुत गहरा हो जाता है।

👉 तीसरे घर का शुक्र, छठे घर (जो कि बुध की ही दूसरी राशि है) से भी संबंध बना लेता है।
इस कारण जातक का विवाह या वैवाहिक जीवन अक्सर असंतोष और संघर्ष से भरा हो सकता है। ऐसे जातक को अपनी मैरिड लाइफ से मनचाही संतुष्टि नहीं मिलती।
🌸 लेकिन इसके साथ ही शुक्र जातक को बनाता है बेहद संवेदनशील और सूक्ष्म निरीक्षक।
नया माहौल हो या नए लोग—ये व्यक्ति तुरंत चीजों को समझने और महसूस करने की क्षमता रखते हैं।

💬 चूंकि बुध वाणी और संवाद का स्वामी है, इसलिए तीसरे घर का शुक्र व्यक्ति को देता है शानदार बोलने की कला, मीठी जुबान और प्रभावशाली संवाद करने की क्षमता।
ऐसे लोग बातचीत से सामने वाले को आकर्षित करना अच्छी तरह जानते हैं।
🎭 लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह आकर्षण अक्सर क्षणिक होता है।
शुरुआत में लोग इनकी मीठी-मीठी बातों से मोहित हो जाते हैं, लेकिन समय के साथ इनकी असलियत को पहचान भी लेते हैं।

✨ कुल मिलाकर, तीसरे घर का शुक्र जातक को बनाता है संवेदनशील, कलाप्रेमी, संवाद-कुशल और आकर्षक व्यक्तित्व वाला, लेकिन वैवाहिक जीवन में इन्हें अक्सर चुनौतियों और असंतोष का सामना करना पड़ता है।
✨ शुक्र ग्रह चौथे घर में – सुख और समृद्धि का वरदान ✨
अब बात करते हैं जब शुक्र ग्रह किसी जातक की जन्म पत्रिका के चौथे घर में स्थित होता है।
चौथा घर कहलाता है सुख स्थान—यानी परिवार, घर, वाहन, संपत्ति और जीवन के हर उस साधन से जुड़ा स्थान, जो इंसान को आराम और शांति प्रदान करता है।

🪷 कालपुरुष की कुंडली में चौथा घर कर्क राशि का होता है, जिसका स्वामी है चंद्रमा। और जब शुक्र, जो स्वयं भोग-विलास, सौंदर्य और आराम का कारक है, इस घर में बैठता है तो जातक के जीवन में सुख और समृद्धि की वर्षा होती है।
🚗 ऐसे व्यक्ति को मिलता है –
- वाहन सुख 🚘
- सुंदर घर और परिवार 🏡
- वस्त्र, गहनों और विलासितापूर्ण वस्तुओं का आनंद 💎
- कलात्मक रुचियां और संगीत का प्रेम 🎶

💫 चौथे घर में स्थित शुक्र जातक को बनाता है भावनात्मक रूप से संतुलित और पारिवारिक रूप से सुखी। ऐसे व्यक्ति का घर सुंदरता, प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है—एक ऐसा स्थान जहां लोग बैठकर मधुर बातचीत और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
🌸 कुल मिलाकर, चौथे घर का शुक्र जातक को बनाता है संपन्न, कलाप्रेमी, सौंदर्य-प्रिय और पारिवारिक सुखों से सम्पन्न। लेकिन यह सब तभी संभव है जब शुक्र पर किसी पाप ग्रह का बुरा प्रभाव न हो।
✨ इसीलिए कहा जाता है कि चौथे घर में स्थित शुक्र, सचमुच जीवन को राजसी स्पर्श देता है और जातक के हर पहलू को निखार देता है।