Traditional Remedial in Astrology

Traditional Remedial in Astrology


जीवन के विभिन्न भागों पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है, यह प्रभाव सकारात्मक भी होता है और नकारात्मक भी। नकारात्मक प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाए जाते हैं, कहीं मंत्र जाप की सलाह दी जाती है, कहीं रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, तो कहीं पर छोटे-छोटे टोटके अपनाए जाते हैं। इनके अलावा कुछ और तरीके भी हैं, जिनका प्रयोग करके ग्रहों से संबंधित समस्याओं को दूर कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर कर सकते हैं। इन्ही में से एक आसान तरीका है पेड़-पौधों का रोपण और पूजन-



तुलसी : परंपराओं और धार्मिक दृष्टिकोण से तुलसी के पौधे को सबसे ज्यादा महत्व प्राप्त है। इसके पत्ते और बीज को खाने से जहां एक तरफ रोगों से मुक्ति मिलती है, वहीं इसको घर में लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। इसको घर के बीचोबीच में लगाना लाभदायक होता है।

पूजन-लाभ : इसके नीचे रोज शाम को घी का दीपक जलाने से पारिवारिक अशांति दूर होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। भगवान विष्णु और हनुमान जी को तुलसी अर्पित करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं। अगर शुक्र कमजोर है, तो तुलसी का पौधा लगाकर नियमित रूप से उसकी पूजा-उपासना करनी चाहिए, फायदा मिलेगा।



केला : ज्योतिष और धार्मिक रूप से इस पौधे का भी विशेष महत्व है। ग्रहों में इसका संबंध बृहस्पति से जोड़ते हैं और भगवान विष्णु तथा बृहस्पति देवता का स्वरूप माना जाता है। बृहस्पति के कमजोर होने पर इस पौधे को घर में अवश्य लगाना चाहिए।


पूजन-लाभ : नित्य प्रात: इसमें जल डालने से अविवाहितों के विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। लेकिन इस पौधे को घर के मुख्य द्वार पर नहीं लगाएं, अन्यथा घर की सुख-शांति में खलल पैदा हो सकता है। बेहतर होगा इसको घर के पीछे की ओर लगाया जाए।



अनार : अनार एक ऐसा अदभुत और जादुई पौधा है, जिसको लगाने से घर पर तंत्र-मंत्र और नकारात्मक ऊर्जा असर नहीं कर सकते। ज्योतिष में राहु-केतु को नियंत्रित करने के लिए इस पौधे का प्रयोग करते हैं। यह पौधा इतना महत्वपूर्ण है कि यंत्र लिखने के लिए अनार की कलम का ही प्रयोग किया जाता है।


पूजन-लाभ : अनार का पौधा घर के सामने लगाएं तो सर्वोत्तम होगा। घर के बीचोबीच पौधा न लगाएं। अनार के फूल को शहद में डुबाकर नित्यप्रति या फिर हर सोमवार भगवान शिव को अगर अर्पित किया जाए, तो भारी से भारी कष्ट भी दूर हो जाते हैं और व्यक्ति तमाम समस्याओं से मुक्त हो जाता है।



शमी : शमी के पौधे के बारे में तमाम भ्रांतियां मौजूद हैं और लोग आम तौर पर इस पौधे को लगाने से डरते-बचते हैं। ज्योतिष में इसका संबंध शनि से माना जाता है और शनि की कृपा पाने के लिए इस पौधे को लगाकर इसकी पूजा-उपसना की जाती है।


पूजन-लाभ : इसका पौधा घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर लगाना शुभ है। शमी वृक्ष के नीचे नियमित रूप से सरसों के तेल का दीपक जलाएं, इससे शनि का प्रकोप और पीड़ा कम होगी और आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। विजयादशमी के दिन शमी की विशेष पूजा-आराधना करने से व्यक्ति को कभी भी धन-धान्य का अभाव नहीं होता।



पीपल : ग्रहों में इसका संबंध बुध, शनि और बृहस्पति से जोड़ा जाता है। पीपल का वृक्ष घर में या घर के सामने लगाना उचित नहीं माना जाता, क्योंकि यह बड़ा होने पर घर की नींव को नुकसान पहुंचा सकता है, इसीलिए इसे घर में या घर के आसपास लगाने से मना करते हैं। इसे बोनसाई के रूप में, घर के पिछले हिस्से में लगा सकते हैं। पीपल में विष्णु भगवान व अन्य देवों का वास माना जाता है, अत: पीपल का वृक्ष लगाने और लगवाने से पुण्य मिलता है और ग्रहों की बाधा समाप्त होती है।


पूजन-लाभ : पीपल को जल चढ़ा कर, उसकी परिक्रमा करने से संतान दोष नष्ट होता है तथा घर में बीमारियां नहीं रहतीं। शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से दुर्घटना होने से बचाव होता है।



ह।रसिंगार : छोटे-छोटे फूलों वाला और अपनी अदभुत सुगंध के लिए जाना जाने वाला यह पौधा चंद्र से संबंध रखता है। घर के बीचोबीच या घर के पिछले हिस्से में इसको लगाना लाभकारी होता है। इसके पत्तों से जोड़ों का दर्द दूर होता है और इसकी सुगंध से मानसिक शांति मिलती है।


पूजन-लाभ : घर में इसका पौधा होने से आर्थिक संपन्नता आती है। हरसिंगार के पौधे की देखभाल में थोड़ी सावधानी रखनी होती हैं, क्योंकि जरा-सी लापरवाही से यह सूख जाता है और इसके सूखने से मन पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता।



बेल : बेल यूं तो एक विशाल वृक्ष है, परंतु इसको पौधे के रूप में गमले में घर के मुख्य द्वार पर लगा सकते हैं। बेल का पौधा अत्यंत शक्तिशाली ऊर्जा पैदा करता है, जिससे आयु और स्वास्थ्य की रक्षा होती है।


पूजन-लाभ : यह भगवान शिव का अत्यंत प्रिय पौधा है। शिव जी को बेल पत्र अर्पित करने से जीवन और आयु की रक्षा की जा सकती है। ज्योतिष में यह पौधा मुख्य रूप से शुक्र और चंद्र को नियंत्रित करता है।



गुडहल : यह पौधा ज्योतिष में सूर्य और मंगल से संबंध रखता है, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से वही पौधा उपयोगी है, जिसका फूल लाल रंग का हो। गुडहल का पौधा घर में कहीं भी लगा सकते हैं, परंतु ध्यान रखें कि उसको पर्याप्त धूप मिलना जरूरी है।


पूजन-लाभ : गुडहल का फूल जल में डालकर सूर्य को अघ्र्य देना आंखों, हड्डियों की समस्या और नाम एवं यश प्राप्ति में लाभकारी होता है। मंगल ग्रह की समस्या, संपत्ति की बाधा या कानून संबंधी समस्या हो, तो हनुमान जी को नित्य प्रात: गुडहल का फूल अर्पित करना चाहिए। इस प्रकार विभिन्न प्रकार के पौधे लगाकर हम पर्यावरण को भी बेहतर कर सकते हैं और अपने ग्रहों को भी अपने अनुकूल बना सकते हैं।


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