तिलक लगाने का महत्व: धार्मिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से

रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल

(Tilak is not just a religious symbol, but it is a symbol of the depth) तिलक केवल एक धार्मिक चिह्न नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति की गहराई, ऊर्जा और आत्मिक चेतना का प्रतीक है। राजाओं, ऋषियों और योद्धाओं के तिलक उनके कुल, संप्रदाय और शक्ति का संकेत देते थे।

धार्मिक महत्व

  • तिलक पूजा-पाठ, यज्ञ और शुभ कार्यों की शुरुआत का अनिवार्य अंग है।
  • यह व्यक्ति की धार्मिक पहचान और आस्था का प्रतीक होता है।
  • शास्त्रों के अनुसार, तिलक लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और कार्यों में सफलता मिलती है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण

  • तिलक आज्ञाचक्र (Third Eye Chakra) पर लगाया जाता है, जो मस्तिष्क की ऊर्जा का केंद्र है।
  • इससे मस्तिष्क को शीतलता मिलती है, तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
  • चंदन, हल्दी या भस्म जैसे तत्वों का उपयोग करने से त्वचा और तंत्रिका तंत्र को लाभ होता है।

आध्यात्मिक लाभ

  • तिलक आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक माना जाता है।
  • ध्यान और साधना के समय आज्ञाचक्र पर तिलक लगाने से चेतना जागृत होती है।
  • यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और मन को शांत करता है।

तिलक लगाने की उंगलियों का महत्व

उंगलीफल
अनामिकाशांति
मध्यमाआयु वृद्धि
अंगूठाआरोग्यता
तर्जनीमोक्ष प्राप्ति

📜 स्कंदपुराण के अनुसार, अलग-अलग उंगलियों से तिलक लगाने पर अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं

दिनों के अनुसार तिलक

दिनतिलक प्रकारलाभ
सोमवारसफेद चंदनमन की शांति
मंगलवारसिंदूर (चमेली तेल में)ऊर्जा और साहस
बुधवारसूखा सिंदूरबुद्धि और वाणी
गुरुवारहल्दी/पीला चंदनसुख-समृद्धि
शुक्रवारलाल चंदन/कुमकुमसौभाग्य
शनिवारभस्मनकारात्मकता दूर
रविवारलाल चंदनमान-सम्मान और धन

तिलक के प्रकार

  • वैष्णव तिलक – श्रीराम/कृष्ण भक्तों द्वारा लगाया जाता है।
  • शैव तिलक – शिव भक्त त्रिपुंड भस्म से लगाते हैं।
  • शाक्त तिलक – शक्ति उपासक लाल बिंदी के रूप में लगाते हैं।

अन्य अंगों पर तिलक

  • कंठ – वाणी में मिठास, मंगल ग्रह की शांति।
  • छाती – हृदय में संतुलन, ईश्वर की कृपा।
  • भुजा – बल और साहस, शुक्र ग्रह की मजबूती।

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