शनि अमावस्या के दिन जरुर कर लें ये उपाय, नौकरी और व्यापार में मिलेगी तरक्की

रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल

वैसे तो हर अमावस्या भी बहुत खास मानी जाती है। अगर आपको कोई पितृ ऋण बन रहा है। पितृ दोष या काल सर्प या बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं तो हम कहते हैं कि अमावस्या तिथि पर उपाय जरुर किया करो। साथ में जो दान बनता है वह जरुर करें। अब साल में एक ऐसी अमावस्या आती है जिसको बहुत ही खास माना जाता है जो कहा जाता है कि अगर इस दिन आप पितृ ऋण के लिए कोई उपाय करते हैं तो उसके लाभ आपको कई गुणा मिलते हैं। यह भाद्रप्रद मास में जो अमावस्या आती है। जिसको कुश ग्रहणी अमावस्या या पिठौरी अमावस्या कहा जाता है और इस बार शनिवार वाले दिन यह अमावस्या आ रही है और शनिवार वाले दिन जब भी अमावस्या मनाई जाती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं। तो आप समझ ही सकते हैं कि पितरों के नियमित उपाय करना हो। या शनि की साढ़ेसाती चल रही है या शनि की ढैया चल रही है अथवा शनि की दशा चल रही है। शनि की दशा अच्छी नहीं चल रही है, अगर आपको किसी भी स्थिति में तो यह दिन आपके लिए बहुत खास है।

इस आर्टिकल में हम बात करेंगे शनि अमावस्या के महत्व की और इसे जुड़े कुछ उपायों की। शनि अमावस्या इस बार 23 अगस्त शनिवार को मनाई जाएगी।
कुछ लोग कहते हैं कि काल सर्प को लेकर वे ज्योर्तिलिंगों पर भी पूजा कर आए लेकिन फायदा नहीं हुआ। लेकिन उपाय के मामले में यह मौका अपने हाथ से किसी हालत में जाने मत दें।


ये उपाय कैसे करने हैं –
पहले तिथि की बात करते हैं – 22 अगस्त को 11 बज कर 55 मिनट सुबह से शुरु होकर अमावस्या शुरु होगी और यह चलेगी 23 अगस्त 11 बज कर 35 मिनट सुबह तक। अब दोस्तों उदया तिथि के हिसाब से 23 अगस्त को अमावस्या मनाना सबसे खास रहेगा और सबसे बढ़िया रहेगा। इस दिन आपने कोई न कोई दान करके शनिदेव को प्रसन्न कर लिया तो नौकरी व व्यापार में आपको बड़ा लाभ मिल सकता है। चूंकि सबसे बड़ी समस्या 70-80 प्रतिशत वह नौकरी- व्यापार से संबंधित होती है।


अब उपाय करना कैसे है – यह उपाय तीन पार्ट में है। जिस तरह बताया जाए उसी तरह से कर लिया जाए।

पहला उपाय – यह तीन पार्ट में होगा।
सुबह के समय सबसे पहले पितृ अमास्या होने के चलते आप शनिदेव व पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। इसमें अब आपने करना क्या है – एक स्टील का लौटा लीजिए उसमें प्लेन जल डाल लिजिए, अगर आपको गंगाजल मिल जाए बहुत ज्यादा अच्छी बात है। उसमें काले सफेद तिल दोनों मिला लीजिए और यह जाकर आप सबसे पहले पीपल के वृक्ष में चढ़ दीजिए यह काम सुबह के समय किया जाएगा। पिपल के वृक्ष में यह चढ़ाएंगे तो एक मंत्र है ओम पितराये नमः – ओम पितराये नमः इस मंत्र का 9 बार जाप करना है।
अब शाम के समय इसी पीपल वृक्ष पर आपको सरसों के तेल का दीपक जलाना है उसमें एक लौंग जरुर डाल दीजिए। यह पहला कार्य है ।

दूसरा कार्य आपने करना है कि एक पीपल का पत्ता ले लीजिए इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार तोड़ लें और यदि पीपल के पेड़ के पास पीपल के टूटे हुए पत्ते पड़े होते हैं तो आप एक पत्ता उठा लीजिए और उसे अच्छे से धो लीजिए उस पर आपने 5 तरह की मिठाई रखनी है और शनिदेव के मंदिर में जाकर जहां शनिदेव की प्रतिमा हो या फिर शनिदेव की फोटो हो और शनिदेव का स्मरण करते हुए भी इसे अर्पित करें। इस अनुष्ठान के लिए शनिदेव का मंदिर न मिले तोे भैरव मंदिर भी जा सकते हैं और आप जो 5 तरह की मिठाई ले गए हैं, उसे आप वहीं चढ़ कर आ जाएं पीपल का पत्ता भी वहीं छोड़ कर आ जाएंगे।

अब तीसरा कार्य –
शनिदेव का वाहन माना जाता है कौवा और यदि आपके घर के आसपास कौवे की उपलब्धता है तो आप ये उपाय कर लीजिएगा।
आप्शन 1 – चावल और दही मिक्स कर लो वो कौवे को खिला दो। जिसे आप किसी पात्र में ले जा सकते हैं।
आप्शन 2 – यदि चावल व दही आपके पास नहीं है,आप सिर्फ दही ले जाओ और उसे कौवे को खिला दें।
आप्शन 3 – पनीर को छोटे छोटे पीस कर लें और उसे जहां कौवे मिलते हैं, वहां उसे डाल दीजिए।

इन उपायों को आप अन्य शनिवार के दिन भी कर सकते हैं। इससे शनिदेव अवश्य प्रसन्न होंगे और यदि एक बार शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो आप देखेंगे आपके सभी काम किस प्रकार से बनते हैं। किस प्रकार करियर में ग्रोथ आती है। लेकिन इन उपायों को लेकर आप किसी भ्रम में न पड़े।


आप्शन 4 – यदि उक्त तीन आप्शन पूरी न हो सकें

बेसन का गाठिया जिसे अलग अलग स्थान पर अलग अलग नाम से बोला जाता है। यह चाहे मिठा मिल जाए या नमकीन मिल जाए। इसे भी आप कौवों को दे सकते हैं।


यदि आप कहते हैं कि कौवे हमारे घर के आसपास नहीं है तो क्या करना है – आप काले चने एक दिन पहले भिगो कर रख दीजिए और उनको उबाल लीजिए और उनको सरसों के तेल में फ्राई कर लें और उसे गरीब व्यक्तियों और मजदूरों में बांट दीजिए और उस समय अपने पितरों का स्मरण करें। मन में ओम पितराये नमः जाप करें। उस दिन शनि चालीसा का पाठ करना बहुत जरुरी है। शनि आरती भी करें। शनि गायत्री मंत्र का उच्चारण करें। ओम शं शनैचरायै नमः का उच्चारण करते हुए अपनी नौकरी व्यापार में तरक्की की कामना करें। अपके कार्यों में गति आए और पितृ ऋण स्माप्त हो।

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