Blog

तो तैयार हो जाइए, अगस्त में आपके लिए बहुत कुछ खास होने वाला है

तो तैयार हो जाइए, अगस्त में आपके लिए बहुत कुछ खास होने वाला है

अगस्त का महीना ज्योतिष की दृष्टि से बहुत खास होने वाला है। इस महीने पाँच राशियों के लिए एक बहुत ही शुभ और दुर्लभ योग बन रहा है, जिसे लक्ष्मी नारायण राजयोग कहते हैं। यह योग तब बनता है जब कुंडली में धन और समृद्धि के ग्रह बुध और शुक्र एक साथ आते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि यह जीवन में ढेर सारी खुशियाँ और समृद्धि लाता है।

ग्रहों की अशुभ स्थिति बन सकती है डिप्रेशन का कारण

ग्रहों की अशुभ स्थिति बन सकती है डिप्रेशन का कारण

ज्योतिष शास्त्र में मानसिक स्वास्थ्य को व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव हमारे मन, भावनाओं और सोचने के तरीके को गहराई से प्रभावित करता है। जब ये ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद (डिप्रेशन) और अन्य मानसिक रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

सावन का अंतिम सोमवार (4 अगस्त 2025): दुर्लभ शुभ योगों का संयोग

सावन का अंतिम सोमवार (4 अगस्त 2025): दुर्लभ शुभ योगों का संयोग

सोमवार न केवल भगवान शिव की कृपा पाने का अंतिम मौका है, बल्कि इस दिन बन रहे सर्वार्थ सिद्धि योग, विजय मुहूर्त, और अमृत काल इसे बेहद खास बना रहे हैं। अगर आप जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और कष्टों से मुक्ति चाहते हैं, तो इस दिन विधिवत पूजा करना अत्यंत फलदायी रहेगा।

AstroTrading: Dalal Street की चाल, ग्रहों के हाल पर निर्भर

AstroTrading: Dalal Street की चाल, ग्रहों के हाल पर निर्भर

शेयर बाजार, एक ऐसा अखाड़ा जहाँ एक पल में कोई फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है, तो अगले ही पल अर्श से फर्श पर आ गिरता है। यह सिर्फ निवेशकों के भाग्य का ही नहीं, बल्कि किसी भी देश की आर्थिक सेहत का भी बैरोमीटर है। जब बाजार चढ़ता है, तो देश की अर्थव्यवस्था मुस्कुराती है; वहीं, जब गोता लगाता है, तो मंदी और महंगाई की आहट सुनाई देती है। लेकिन क्या इस अनिश्चितता भरे खेल में ग्रहों का भी कोई रोल होता है? भारतीय वैदिक ज्योतिष तो कुछ ऐसा ही कहता है।

सावन में रुद्राक्ष धारण करने का सही तरीका: जानें भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के नियम

सावन में रुद्राक्ष धारण करने का सही तरीका: जानें भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के नियम

पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे लोकप्रिय, स्वास्थ्य, शांति और सामान्य कल्याण के लिए माना जाता है शुभ रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल (Beyond Belief: How Rudraksha Beads Offer Spiritual and Scientific Benefits) सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दौरान रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि…

शाम ढले भूलकर भी न करें इन 9 चीजों का दान या लेनदेन! जानें क्या कहता है ज्योतिष

शाम ढले भूलकर भी न करें इन 9 चीजों का दान या लेनदेन! जानें क्या कहता है ज्योतिष

सूर्यास्त के बाद बरतें सावधानी, मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज! रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल (Transaction of some items after sunset is considered inauspicious) क्या आप जानते हैं कि शाम के समय कुछ चीजों को घर से बाहर देना या दान करना आपकी आर्थिक स्थिति और मानसिक शांति पर बुरा असर डाल सकता है?…

पुत्रदा एकादशी 2025: संतान सुख का दिव्य व्रत, जब आस्था देती है आशीर्वाद

पुत्रदा एकादशी 2025: संतान सुख का दिव्य व्रत, जब आस्था देती है आशीर्वाद

सावन में विष्णु भक्ति और पुत्र प्राप्ति का अद्भुत संयोग रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल (Putrada Ekadashi is a holy festival dedicated to Lord Vishnu) पुत्रदा एकादशी, भगवान विष्णु को समर्पित वह पावन पर्व है जो संतान की प्राप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह…

“तुलसी: आंगन की देवी, जीवन की संजीवनी”

“तुलसी: आंगन की देवी, जीवन की संजीवनी”

अभिव्यक्ति – मैं तुलसी तेरे आंगन की… रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल (In Hinduism, Tulsi is considered as a form of Goddess) भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर में तुलसी का पौधा सिर्फ एक साधारण वनस्पति नहीं है। यह पौधा आस्था, स्वास्थ्य और पर्यावरण—इन तीनों का त्रिवेणी संगम माना जाता है। सदियों से हमारे घरों…

तिलक लगाने का महत्व: धार्मिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से

तिलक लगाने का महत्व: धार्मिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से

तिलक लगे तो बात बने: संस्कृति से वायरल तक रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल (Tilak is not just a religious symbol, but it is a symbol of the depth) तिलक केवल एक धार्मिक चिह्न नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति की गहराई, ऊर्जा और आत्मिक चेतना का प्रतीक है। राजाओं, ऋषियों और योद्धाओं के तिलक…

शिवभक्ति की अनोखी परंपरा: नंदी के कान में कहें अपनी दिल की बात!

शिवभक्ति की अनोखी परंपरा: नंदी के कान में कहें अपनी दिल की बात!

मंदिरों में भगवान शिव की पूजा के बाद नंदी के कान में इच्छा बताने की प्राचीन परंपरा है। इस सुंदर और रहस्यमय परंपरा के पीछे धार्मिक आस्था, पौराणिक कथाएँ और मनोवैज्ञानिक विश्वास छिपा है।
नंदी, भगवान शिव के प्रिय वाहन और परम भक्त हैं। शास्त्रों में उन्हें शिव का प्रमुख द्वारपाल एवं संदेशवाहक माना गया है।