ग्रहों की पूजा|
ग्रहों की पूजा ग्रहों के अशुभ प्रभावों से रक्षा के लिए ग्रहों की पूजा का विधान है। जो ग्रह कुंडली में अशुभ होते हैं, उस ग्रह अथवा महादशानाश / अंतर्दशानाश की पूजा एवं इनके मंत्रों का जाप पूरे विधि-विधान से करने से संबंधित ग्रह अपने अशुभत्व को छोड़कर जातक को शुभ फल प्रदान करते हैं।…
Tara (Nakshatras) | तारा (नक्षत्र)
TARA The Nakshatra occupied by the Moon at the time of birth is called Janam Tara. The 10th nakshatra from the Janam tara is called Anujanma and the 19th is called Trijanma. All 3 nakshatras are ruled by the same planet e.g. for a person born when the Moon was in Hasta nakshatra, Hasta becomes…
Sade Satti of Saturn | शनि की साढ़े साती
SADE SATI OF SATURN Sade sati is a period with many challenges the duration of which is 7 and half years. The period of Sade-sati starts when Saturn enters the zodiac sign immediately before the Moon sign of the native. The Sade sati will continue while Saturn transits over this sign and the next two…
Transits And The Divisional Chart | वर्ग चार्ट के ऊपर गोचर
Transits and the Divisional Charts The Dasha and Transit Synthesis We know that the promises contained in a horoscope are timed for delivery in a specified quantity by Dasha Planets. Identification of timing and the Quantity of fructification are done by analyzing the interaction of Dasha Planets with concerned Divisional Charts. The actual delivery is…
Sapta Shalaka Chakra | सप्त शलाका चक्र
रेखाःसप्तशमालिखेदुपरिगाास्तिर्यक्तथैवक्रमा दीशादग्रिभमादितोऽपिगणेयदादित्यभस्यावधि। वेधाजन्मदिनेगृतिर्भयमथाधानाख्यनक्षत्रके कर्मण्यर्थविनाशनंखलुरविर्दघात्सपापोमृतिम्।। 7 रेखाएँ खड़ी व 7 पड़ी खीचें। अब ईशान कोण से शुरू करते हुए अभिजित् सहित 28 नक्षत्र लिख लें। नक्षत्र कृत्तिका से शुरू करें। यदि सूर्य के नक्षत्र का वेध जन्म नक्षत्र (दिन) से हो तो प्राणों का संशय उपस्थित होता है। •आधान नक्षत्र (19वाँ) विद्ध हो तो भय की…
How to Suggest Remedy | उपाय कैसे बनायें
ग्रहों से संबंधित देवताओं की पूजा कुंडली में स्थित अशुभ ग्रहों की पीड़ा के शमन के लिए ग्रहों से संबंधित देवताओं की पूजा की जाती है। वे ग्रहों के देवता होते हैं, जैसे सूर्य के देवता अग्नि, चंद्र के वरुण आदि हैं। इन देवताओं की पूजा करने स्बावत ग्रहों के दोषों का शमन हो जाता…
WHAT IS TANTRA?
तंत्र किसी संकट अथवा समस्या से निजात पाने के लिए तंत्र का सहारा लिया जाता है। तंत्र से बिना पूजा-पाठ व विशेष परिश्रम के कार्य हो जाता है। तंत्र में कुछ विशेष सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे : बिल्ली की जेर, हत्था जोड़ी, सियार सिंगी आदि। इन वस्तुओं के प्रयोग से हर प्रकार…
Mangal (Manglik) Dosha
Cancellation of Mangal Dosha No more worries if you have discovered Mangal Dosha in your chart. There are certain combinations that can cancel Mangal Dosha. In order to understand the combinations that can neutralize the effects of Manglik Dosha, let us first understand the meaning and formation of this Dosha in your chart. Mars is…
विभिन्न घरों में देखें सूर्य ग्रहों का प्रभाव
विभिन्न भावों में सूर्य प्रथम : अ) लग्न में बैठा सूर्य एक जातक को स्वभाव से अशान्त बनाता है, नेतृत्वता के गुण देता है, कदाचित जातक अहंकारी और घमण्ड़ी हो सकता है, जातक को आत्मकेन्द्रित बनाता है, गंजापन (यदि 5, 9, 11 राशि में है), अधिक कन्या सन्तान (यदि मीन राशि में है), हृदय रोग…