रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलजर अनिल कौशल
(predictions based on Mercury extremely accurate and effective) बुध ग्रह पर बातचीत करते-करते हम अब तक उन अवलोकनों और नियमों तक पहुँच चुके हैं, जो बुध के आधार पर की जाने वाली भविष्यवाणियों को बेहद सटीक और प्रभावी बनाते हैं। अब तक हम 12 अवलोकन विस्तार से देख चुके हैं।
आज हम रूल नंबर 13, 14 और 15 पर चर्चा करेंगे—
रूल 13: जब बुध भोगांश में सूर्य से पीछे होता है, तो इसके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव।
रूल 14: किस तरह बली और अपीड़ित बुध शिक्षा में सहायक भूमिका निभाता है।
रूल 15: बुध की राशियों में अन्य ग्रहों के बैठने से उत्पन्न प्रभाव और बदलाव।

चलिए शुरू करते हैं रूल नंबर 13 से
रूल 13 के अनुसार, जब बुध भोगांश में सूर्य से पीछे होते हुए अतिनिकट हो, तो जातक शिक्षित, भाग्यशाली और सुख-सुविधाओं से सम्पन्न होता है, लेकिन उसकी विवेक शक्ति और धैर्य अपेक्षाकृत कमजोर हो जाते हैं।
इसका मतलब है कि ऐसे व्यक्ति में उत्साह तो भरपूर होगा, परंतु वह अपने लक्ष्यों से थोड़ा भटक सकता है, जल्दी उत्तेजित या परेशान हो सकता है।
अब देखें यह स्थिति कैसे बनती है—
मान लीजिए कालपुरुष कुंडली के किसी भी भाव में सूर्य और बुध दोनों स्थित हैं।
उदाहरण के लिए, यदि उन्हें दसवें भाव में रखें और सूर्य की डिग्री हो 17°, तो बुध का स्थान उससे 2–3 डिग्री के भीतर होना चाहिए—जैसे 14°, 14.5°, 15.6° या 16°।
जब बुध इस प्रकार सूर्य से 3 डिग्री के अंदर और पीछे हो, तो इसे “अतिनिकट” माना जाता है।
इस स्थिति में—
सूर्य यदि 17° पर है और बुध 14°–16° पर उससे पीछे है,
या सूर्य 10° पर और बुध 8.8° पर,
या सूर्य 13° पर और बुध 11°05′ पर,
या सूर्य 19° पर और बुध 17.6° पर—
तो परिणाम वही रहेगा: जातक विद्वान, भाग्यशाली और सुख-साधनों से युक्त होगा, लेकिन उसकी विवेकशीलता और धैर्य कमज़ोर होंगे। यही उसकी मुख्य कमजोरी होगी।
अब बात करते हैं अवलोकन नंबर 14 की
अवलोकन 14 के अनुसार, बली और अपीड़ित बुध (Strong & Unafflicted Mercury) व्यक्ति को शिक्षा और कार्यक्षेत्र में अद्वितीय एकाग्रता प्रदान करता है।
इसका अर्थ है कि जब आपकी कुंडली में बुध—
षडबल में मजबूत हो,
अष्टवर्ग में अच्छे अंक प्राप्त करे,
और किसी भी पाप ग्रह के दुष्प्रभाव से मुक्त हो—
तो वह जातक को पढ़ाई में उत्कृष्ट बनाता है, कार्य में गहरी रुचि देता है और व्यवसाय या नौकरी दोनों में सफलता के शिखर तक पहुँचाता है। ऐसे जातक अपने पेशे में अत्यधिक सावधानी और ध्यान से काम करते हैं, और यदि नौकरी में हों तो बॉस व सहकर्मी उनकी खूब सराहना करते हैं। यही बुध की असली शक्ति है।

कैसे पहचानें बली बुध:
मान लीजिए बुध लग्न में स्थित है और—
सप्तम भाव (7th house) खाली हो या उसमें शुभ ग्रह हों,
नवम भाव (9th house) में बृहस्पति हो, लेकिन उसके साथ राहु-केतु न हों,
पंचम भाव (5th house) में बृहस्पति हो, पर वहाँ भी राहु-केतु साथ न हों,
शनि न तो चतुर्थ भाव (4th house) में हो (क्योंकि वह दशम दृष्टि से बुध को देखेगा) और न ही ग्यारहवें भाव (11th house) से बुध को अशुभ दृष्टि दे,
तो यह बुध शुद्ध और बली माना जाएगा।
इसके अलावा, लग्न में बुध के साथ राहु, केतु या शनि न हों, जबकि बृहस्पति या शुक्र साथ हों तो यह स्थिति और अधिक शुभ हो जाती है।
ऐसा बुध जातक को शिक्षा, व्यवसाय और जीवन के हर क्षेत्र में ऊँचाई तक पहुँचाने की क्षमता रखता है।
अब बात करते हैं रूल नंबर 15 की
रूल 15 के अनुसार, बुध की राशियों में अधिक ग्रहों का होना पारिवारिक कारणों से बाधाएं उत्पन्न करता है। बुध की राशियां हैं—
मिथुन (राशि संख्या 3)
कन्या (राशि संख्या 6)
इनमें यदि एक-एक ग्रह हो तो यह शुभ फल देता है, लेकिन जब इन राशियों में ग्रहों की संख्या बढ़ जाती है, तो समस्या शुरू होती है।
उदाहरण के लिए—
यदि मिथुन राशि (3 नंबर) में राहु, सूर्य, शनि और बुध एक साथ बैठ जाएं, तो यह अशुभ प्रभाव देगा।
कन्या राशि (6 नंबर) में शनि, मंगल और शुक्र का एक साथ होना भी हानिकारक होगा।
इसी तरह, मिथुन राशि में शनि, बुध और राहु का साथ होना, या केंद्र में स्थित मिथुन राशि के साथ केतू, चंद्रमा या कोई अन्य ग्रह जुड़ जाना—और कुल ग्रह तीन से अधिक हो जाना—भी नकारात्मक परिणाम देगा।
ऐसी स्थिति में बुध, जो संचार और वाणी का ग्रह है, पारिवारिक कार्यों में विघ्न डालने लगता है।
जब उसकी राशियों में 2 से अधिक ग्रह (विशेषकर 3–4 ग्रह) बैठते हैं, तो परिवार में “पंचायत” जैसी स्थिति बन जाती है—हर कोई अपनी अलग राय रखता है, मतभेद और कलह बढ़ जाते हैं। और चूंकि बुध वाणी का ग्रह है, तो संवाद की कड़वाहट से रिश्तों में तनाव आ जाता है।
इस तरह, रूल नंबर 13, 14 और 15 आपको बुध से जुड़ी ऐसी बारीकियां बताते हैं, जो आपकी ज्योतिषीय भविष्यवाणियों को और भी सटीक बना सकती हैं। आप इन्हें अपनी जन्म कुंडली या दूसरों की कुंडलियों में लागू करके देख सकते हैं कि ये कितने प्रभावी और फलदायी हैं।
