ज्योतिष शास्त्र में सूर्य की स्थिति का व्यक्ति के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव माना जाता है। सूर्य के विभिन्न नक्षत्रों में स्थित होने से संबंधित संभावित बीमारियों के बारे में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध है:
- आश्लेषा नक्षत्र में सूर्य:
- प्रथम चरण: व्यक्ति लालची, जिद्दी और हठी स्वभाव के हो सकते हैं, जिससे घुटनों की समस्याएं हो सकती हैं।
- द्वितीय चरण: व्यक्ति हिंसात्मक स्वभाव के हो सकते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका रहती है।
- तृतीय चरण: व्यक्ति को चर्म रोग की शिकायत हो सकती है।
- चतुर्थ चरण: व्यक्ति को आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
- अश्विनी नक्षत्र में सूर्य:
- अश्विनी नक्षत्र में सूर्य का होना कारक तत्वों में वृद्धि वाला होता है, जिससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सूर्य की स्थिति के अलावा अन्य ग्रहों की स्थिति, राशि, भाव और अन्य ज्योतिषीय कारक भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। इसलिए, संपूर्ण कुंडली का विश्लेषण करके ही सटीक निष्कर्ष निकाला जा सकता है।