अभिव्यक्ति – मैं तुलसी तेरे आंगन की…
रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल
(In Hinduism, Tulsi is considered as a form of Goddess) भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर में तुलसी का पौधा सिर्फ एक साधारण वनस्पति नहीं है। यह पौधा आस्था, स्वास्थ्य और पर्यावरण—इन तीनों का त्रिवेणी संगम माना जाता है। सदियों से हमारे घरों के आंगन में शोभायमान तुलसी, अपनी हरियाली के साथ सिर्फ पर्यावरण को ही शुद्ध नहीं करती, बल्कि हमारे जीवन में धार्मिक, सामाजिक और औषधीय महत्व भी समाहित करती है।

आस्था की प्रतीक
हिंदू धर्म में तुलसी को देवी का रूप माना गया है। घर के आंगन या मंदिर में तुलसी का पौधा लगाना शुभ संकेत माना जाता है। मान्यता है कि जहां तुलसी होती है, वहां सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है। हर दिन तुलसी की पूजा, दीपक जलाना, और उसके पत्ते का सेवन धार्मिक कर्मकांड का एक महत्वपूर्ण भाग है। कार्तिक मास में तुलसी विवाह और पूजन अलग महत्व रखता है।
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स्वास्थ्य का खजाना
तुलसी के पौधे में अनेक औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। सुबह-सुबह तुलसी पत्र का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाता है, सर्दी व खांसी में राहत देता है, और कई बीमारियों से बचाव करता है।
पर्यावरण की रक्षा में तुलसी
वातावरण को शुद्ध करने की तुलसी की अनूठी क्षमता है। यह पौधा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है। यही कारण है कि हमारे पूर्वजों ने घरों में तुलसी का पौधा रोपने की परंपरा डाली — ताकि घर का माहौल शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक बना रहे।
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पर्यावरण रक्षा में भूमिका:
ताजमहल जैसे ऐतिहासिक स्मारकों के आसपास पर्यावरण संरक्षण के तहत हजारों तुलसी के पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों में उपस्थित यूजेनॉल जैसे तत्व वायु प्रदूषण कम करने और वातावरण को शुद्ध रखने में मदद करते हैं। तुलसी पौधा दिन में लगभग 20 घंटे ऑक्सीजन और कुछ समय के लिए ओजोन भी छोड़ती है, जिससे पर्यावरण स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक रहता है।
समाज में सकारात्मक संदेश:
बदलते वक्त में जब विदेशी सांस्कृतिक उत्सवों का प्रभाव बढ़ा है, भारतीय समाज तुलसी पूजन जैसे आयोजनों के जरिए अपनी जड़ों से जुड़ने का उदाहरण पेश कर रहा है। यह नए दौर में भी पवित्रता, प्रकृति प्रेम और वैज्ञानिक सोच का संदेश देता है।
वास्तु और ज्योतिषीय महत्व
वास्तु शास्त्र अनुसार घर के उत्तर-पूर्वी दिशा में तुलसी का पौधा लगाना विशेष शुभ माना जाता है।यह दिशा “ईशान कोण” कहलाती है — जहां देवताओं का निवास माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार:
- तुलसी सूर्य और गुरु ग्रह से जुड़ी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है
- नकारात्मक ऊर्जा का निवारण करती है
- ग्रह शांति और मानसिक स्थिरता में सहायता करती है
मंत्र जाप
तुलसी की पूजा में कई मंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिनमें से कुछ मुख्य हैं: ॐ सुभद्राय नमः, महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते, और तुलसी गायत्री मंत्र (ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्)।
इस प्रकार, तुलसी का पौधा भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ा ऐसा अनुपम उपहार है जो जीवन के हर पहलू—आध्यात्म, स्वास्थ्य और पर्यावरण—को समृद्ध करता है। आधुनिक युग में हमें तुलसी जैसे पौधों के महत्व को समझकर, न सिर्फ पूजा-पाठ के लिए बल्कि स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी अपने घर-आंगन में स्थान देना चाहिए।

