रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल
(Mercury has a special significance in astrology) हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह (Mercury) का विशेष महत्व है। यह ग्रह बुद्धि, वाणी, व्यापार, तर्कशक्ति और जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का सूचक माना जाता है। पिछले अवलोकनों में हमने देखा कि किस प्रकार बुध अलग-अलग भावों और राशियों में बैठकर जातक के जीवन को प्रभावित करता है।
आज, हम आगे बढ़ते हुए अवलोकन नंबर 7, 8 और 9 की चर्चा करेंगे, जिनमें बुध की स्थिति व्यक्ति के विवाह, व्यवसाय, ज्योतिष के प्रति रुचि, और जीवन की सफलता पर गहरा प्रभाव डालती है।

अवलोकन नंबर 7: धनु राशि और कन्या राशि का बुध
यह नियम कहता है कि जब धनु राशि वाले जातक की कुंडली में बुध अपनी ही कन्या राशि में हो, तो यह उस व्यक्ति को एक बहुत ही अच्छी और धनवान पत्नी देता है, और साथ ही जातक अपने व्यवसाय या आजीविका में भी खूब सफल और समृद्ध होता है।
इसे और विस्तार से समझें: अगर आपका लग्न धनु राशि है, तो कन्या राशि आपकी कुंडली में दसवें भाव में आती है। यदि बुध ग्रह अपनी ही कन्या राशि में इस दसवें भाव में आकर बैठ जाए, तो यह योग बनता है। इसका सीधा मतलब है कि ऐसे व्यक्ति को न केवल एक बहुत अच्छी और धनी पत्नी मिलती है, बल्कि वह अपनी कमाई और कारोबार में भी बहुत तरक्की करता है और उसे पैसे की कभी कमी नहीं होती।
अवलोकन नंबर 8: ज्योतिष में रुचि और प्रेम
यह अवलोकन बताता है कि जब बुध ग्रह का संबंध किसी व्यक्ति की कुंडली के चौथे या नौवें भाव से होता है, तो ऐसे जातक की ज्योतिष के प्रति विशेष रुचि और गहरा प्रेम होता है। यह ज्योतिष का एक बहुत ही प्रमाणित नियम है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए किसी जातक का लग्न तुला (सातवें नंबर का) है। इस कुंडली में, नौवें भाव का स्वामी बुध ग्रह है। यदि यह बुध ग्रह अपनी ही राशि यानी मिथुन या कन्या में होकर, नौवें या चौथे भाव में स्थित हो, या फिर नौवें भाव का स्वामी होकर दसवें भाव में बैठा हो, तो यह योग बनता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति की ज्योतिष में रुचि बहुत अधिक होती है।

अवलोकन नंबर 9: आठवें भाव में कन्या राशि का बुध
यह अवलोकन कहता है कि जब बुध ग्रह आठवें भाव में अपनी ही कन्या राशि में स्थित होता है, तो यह जातक को बहुत प्रसिद्धि, सफलता और एक खास पहचान दिलाता है।
इसे और स्पष्ट रूप से समझें: अगर किसी व्यक्ति का लग्न कुंभ राशि है, तो उसकी कुंडली में आठवें भाव में कन्या राशि पड़ती है। यदि इसी कन्या राशि में बुध ग्रह आकर बैठ जाए, तो यह योग बनता है। इस स्थिति में, वह पुरुष हो या महिला, उसे जीवन में निश्चित रूप से सफलता मिलती है और वह अपनी विशेष पहचान बनाता है।
