ग्रहों की अशुभ स्थिति बन सकती है डिप्रेशन का कारण

रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल

(Know the cause and solution of mental diseases through astrology) ज्योतिष शास्त्र में मानसिक स्वास्थ्य को व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव हमारे मन, भावनाओं और सोचने के तरीके को गहराई से प्रभावित करता है। जब ये ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद (डिप्रेशन) और अन्य मानसिक रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

👉 VIDEO: “छठा भाव: रोगों का रहस्य और ग्रहों की भूमिका — जानिए शरीर के अंगों और बीमारियों का ज्योतिषीय संबंध!”

ज्योतिष में मानसिक रोगों के मुख्य कारक

ज्योतिष के अनुसार, कुछ विशेष ग्रह और भाव मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं। इनका कमजोर या पीड़ित होना मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

  • चंद्रमा: ज्योतिष में चंद्रमा को मन और भावनाओं का कारक माना जाता है। कमजोर या पीड़ित चंद्रमा व्यक्ति के मन को अस्थिर करता है, जिससे अवसाद, बेचैनी और नकारात्मक सोच जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
  • बुध: बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और निर्णय लेने की क्षमता का प्रतीक माना जाता है। कमजोर बुध व्यक्ति को भ्रम, दुविधा और मानसिक भ्रम की स्थिति में डाल सकता है।
  • पंचम भाव: यह भाव बुद्धि, विवेक और सोच-समझकर निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है। इस भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
  • अष्टम भाव: यह भाव अचानक आने वाले तनाव और मानसिक उथल-पुथल से जुड़ा होता है।
  • राहु और केतु: ये छाया ग्रह भ्रम, भय, अज्ञात चिंता और रहस्यमयी मानसिक रोगों का कारण बन सकते हैं। इनका प्रभाव व्यक्ति को वास्तविकता से दूर कर सकता है।

मानसिक रोगों से बचाव के ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करके मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त की जा सकती है। यहाँ कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं:


चंद्रमा को मजबूत करें:

  • सोमवार का व्रत रखें और भगवान शिव की पूजा करें।
  • मोती रत्न धारण करें (किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के बाद)।
  • रोजाना चांदी के बर्तन में पानी पिएं।
  • अपनी माँ का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।


बुध को शांत रखें:

  • बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करें।
  • पन्ना रत्न धारण करें (किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के बाद)।
  • गाय को हरी घास या पालक खिलाएं।
  • बुध मंत्र “ॐ बुं बुधाय नमः” का जाप करें।


राहु-केतु के बुरे प्रभाव को कम करें:

  • हनुमान चालीसा का पाठ करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
  • शनिवार को सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
  • अपने आस-पास साफ-सफाई रखें और मकड़ी के जाले हटाते रहें।

सामान्य उपाय:

ध्यान और योग: ये मन को शांत करने और मानसिक तनाव को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

गायत्री मंत्र का जाप: इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

सूर्य को जल चढ़ाएं: नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाएं। यह मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।

अस्वीकरण: यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्योतिषीय उपाय केवल सहायक हो सकते हैं।

Previous Post