Rupnagar (Punjab) | Anil Kaushal
( A combination of intellect and confidence) बुध ग्रह, जो विचार, बुद्धि, संवाद और निर्णय क्षमता का कारक है, इस समय अग्नि तत्व वाली सिंह राशि में प्रवेश कर रहा है और यह अवधि 15 सितंबर 2025 तक चलेगी।
सिंह राशि का स्वभाव तेज, आत्मविश्वासी और नेतृत्वकारी होता है। जब बुध यहां आता है तो संवाद में नाटकीयता, सोच में आत्मविश्वास और कार्यों में नेतृत्व झलकने लगता है।

लेकिन हर गोचर की तरह इसके दो पहलू हैं—कुछ लोगों को यह बड़ा लाभ देगा तो कुछ को तनाव भी बढ़ा सकता है।
सकारात्मक प्रभाव :
जिनकी कुंडली में बुध शुभ स्थिति में है, उनके लिए यह समय नई योजनाएं बनाने और उन्हें प्रस्तुत करने का श्रेष्ठ समय होगा।

विद्यार्थी और लेखन, मीडिया या प्रेज़ेंटेशन से जुड़े लोग अपनी क्रिएटिविटी और प्रभावी बोलने की कला से सबको प्रभावित करेंगे।
व्यापारियों को नए सौदों और नेटवर्किंग में फायदा होगा।
सिंह ऊर्जा के कारण लोग निर्णायक और आत्मविश्वासी बनेंगे, जिससे अटके काम भी आगे बढ़ सकते हैं।
चुनौतियां ⚡
- अगर बुध अशुभ स्थिति में है तो यह समय अहंकार और जिद को बढ़ा सकता है।

- बातों में तकरार या गलतफहमी हो सकती है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है।
- निर्णय जल्दबाज़ी में लेने से आर्थिक हानि का खतरा भी रहेगा।
- मानसिक अस्थिरता या विचारों में उलझन भी महसूस हो सकती है।

जीवन पर असर
यह गोचर कुछ के लिए बौद्धिक चमक और नई दिशा लेकर आएगा, तो कुछ को मन की परीक्षा दे सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस समय संवाद में संयम रखें, अहंकार से बचें और सोच-समझकर निर्णय लें।
कुल मिलाकर, सिंह राशि में बुध का गोचर शक्ति और बुद्धि के मेल का समय है। जिसका सही उपयोग अगर किया जाए तो यह समय आत्मविश्वास के साथ-साथ सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
सिंह राशि का स्वामि सूर्य (आत्मा, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, नेतृत्व) और बुध (बुद्धि, वाणी, तर्क, शिक्षा) को मजबूत करने का द्योतक है, जिनके लिए प्रतिदिन के जप मंत्र बहुत लाभकारी होते हैं। यहां दोनों के लिए सरल और शक्तिशाली मंत्र दिए जा रहे हैं:
सूर्य को मजबूत करने के लिए मंत्र:
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ श्रेष्ठ है, पर रोज़ाना के लिए छोटा मंत्र अधिक सहज है:
🔸 “ॐ घृणि सूर्याय नमः”
– जप संख्या: 11, 21 या 108 बार
– समय: सुबह सूर्योदय के समय, पूर्व दिशा की ओर मुख करके।
🔸 बुध को मजबूत करने के लिए मंत्र
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी और व्यापार का कारक है। इसे प्रसन्न करने के लिए यह बीज मंत्र उत्तम है:
🔸 “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
– जप संख्या: 11, 21 या 108 बार
– समय: बुधवार के दिन विशेष प्रभावी, हरे आसन पर बैठकर।
