क्या आप जानते हैं? शिव ने लिए हैं कई अवतार
रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलोजर अनिल कौशल
(10 incarnations of Shiva that change the balance of the universe) सावन का महीना इस वर्ष 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा, और इसका अंतिम दिन श्रावण पूर्णिमा व रक्षाबंधन के पर्व के साथ मनाया जाएगा।
सनातन धर्म में सावन पूर्णिमा के दिन को शिव पूजन के लिए काफी खास माना जाता है। मान्यता है कि सावन पूर्णिमा के दिन व्रत रखने और विधि विधान के साथ पूजा करने से मांगी गई इच्छा जल्दी पूरी होती है। बता दें कि पूरे साल भर में कुल 12 पूर्णिमा तिथि पड़ती है लेकिन सावन वाली पूर्णिमा का अपना खास महत्व होता है।
इस पवित्र महीने में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ उनके अवतारों की कथाएं पढ़ना-सुनना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। जैसे श्रीहरि विष्णु ने समय-समय पर अवतार लिए, वैसे ही शिव जी ने भी 19 दिव्य अवतार लिए हैं। इनमें से 10 प्रमुख अवतारों की कथाएं भक्तों को शिव के विविध रूपों की गहराई से पहचान कराती हैं।
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“शिव के रहस्यमय अवतार”
“क्या आप जानते हैं कि शिव जी ने भी लिए हैं अवतार? जैसे श्रीहरि विष्णु ने समय-समय पर अवतार लिए, वैसे ही शिव ने भी लिए 19 दिव्य रूप! सावन में जानिए उनके सबसे रहस्यमय अवतारों की कथा…”

शरभ अवतार – नृसिंह के क्रोध को शांत करने वाला
“जब नृसिंह रूप में भगवान विष्णु का क्रोध सृष्टि को असंतुलित करने लगा, तब शिव ने लिया शरभ अवतार—आधा शरभ, आधा पक्षी। अपनी पूंछ में लपेटकर नृसिंह को आकाश में उड़ाया… और सृष्टि को फिर से संतुलन मिला।”

पिप्पलाद मुनि – जिसने शनिदेव को दिया शाप
“शनि के अशुभ प्रभाव से पिता को खोने वाले पिप्पलाद ने शनिदेव को शाप दिया। लेकिन बाद में एक शर्त पर क्षमा भी किया—अब शनि 16 वर्ष तक किसी को पीड़ा नहीं देंगे!”

नंदी अवतार – शिव के प्रिय गणाध्यक्ष
“शिलाद मुनि की तपस्या से जन्मे नंदी, शिव के सबसे प्रिय सेवक बने। हल चलाते समय भूमि से मिले थे—शिव ने उन्हें गणों का अध्यक्ष बनाया।”

भैरव अवतार – ब्रह्मा का अभिमान तोड़ने वाला
“जब ब्रह्मा ने शिव को अपना पुत्र कहा, तब शिव ने लिया भैरव रूप। कालभैरव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काटा और काशी में ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त हुए।”

अश्वत्थामा – अमर योद्धा, शिव का अंश
“महाभारत के योद्धा अश्वत्थामा शिव के अंश से जन्मे। ब्रह्मास्त्र का प्रयोग गर्भ पर किया, श्रीकृष्ण ने परीक्षित की रक्षा की और अश्वत्थामा को कलियुग तक भटकने का शाप मिला।”

वीरभद्र – सती के आत्मदाह पर शिव का क्रोध
“सती के यज्ञ में आत्मदाह के बाद शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न किया। वीरभद्र ने दक्ष का सिर काटा, बाद में शिव ने बकरे का सिर लगाकर दक्ष को पुनर्जीवित किया।”

दुर्वासा मुनि – क्रोध के प्रतीक
“शिव के अंश से जन्मे दुर्वासा मुनि, क्रोध और तपस्या के प्रतीक। अनुसूइया और अत्रि की तपस्या से जन्मे तीन पुत्रों में एक।”

हनुमान – शिव का अंश, राम का भक्त
“अजर-अमर हनुमान शिव के अंश से जन्मे। बल, भक्ति और सेवा के प्रतीक।”

किरात अवतार – अर्जुन की परीक्षा
“शिव ने वनवासी किरात रूप में अर्जुन की परीक्षा ली। युद्ध के बाद अर्जुन को दिव्यास्त्र प्रदान किया।”

अर्धनारीश्वर – शिव और शक्ति का संयुक्त रूप
“जब ब्रह्मा को सृष्टि आगे बढ़ाने में कठिनाई हुई, तब शिव अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए—आधा पुरुष, आधा स्त्री। यही रूप सृष्टि की गति का आधार बना।”

