ज्योतिषीय Secrets: कुंडली में बुध-शुक्र साथ हों तो कैसे बदलता है भाग्य?


रूपनगर (पंजाब) | एस्ट्रोलजर अनिल कौशल

(Mercury-Venus in the 8th house: A sign of good luck or bad luck?) ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की युति का विशेष महत्व माना गया है। जब बुध और शुक्र एक साथ किसी जातक की जन्मपत्री (Horoscope) के किसी एक ही भाव में स्थित होते हैं, तो यह युति जातक के व्यक्तित्व और जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है।

यह संयोजन बुद्धि, सौंदर्य, कला, वाणी और संबंधों से जुड़े पहलुओं को प्रभावित करता है। इस संदर्भ में पांच महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जिनके माध्यम से हम समझ सकते हैं कि बुध-शुक्र की यह युति जीवन में किस प्रकार के परिणाम प्रदान करती है।


Rule number 1

यदि किसी जातक की जन्मपत्री में बुध और शुक्र की युति एक ही भाव में स्थित हो, तो वह स्वभाव से अत्यंत मधुरभाषी और प्रभावशाली वक्ता बनता है। उसकी वाणी में ऐसी मिठास और आकर्षण होता है, जो सामने वाले के हृदय को सहज ही छू लेती है। केवल बोलने की कला ही नहीं, बल्कि लेखन में भी वह असाधारण सफलता प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति में जन्मजात क्षमता होती है कि वह एक उत्कृष्ट लेखक, कुशल एंकर या संचार के क्षेत्र में चमकने वाला व्यक्तित्व बन सके।



Rule number 2

यदि जन्मपत्री में बुध और शुक्र की युति तो हो, परंतु उस पर किसी अशुभ ग्रह का प्रभाव पड़ जाए या वह साथ में आकर बैठ जाए, तो जातक अक्सर इच्छाशक्ति की कमी से जूझता है। ऐसे व्यक्ति का वैवाहिक जीवन भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उसका जीवनसाथी साधारण या निम्न प्रवृत्ति का हो सकता है।

लेकिन यही युति यदि प्रथम, पंचम या नवम भाव में बन जाए, तो यह संयोजन जातक को धन, यश और प्रतिष्ठा से विभूषित करता है। ऐसा व्यक्ति समाज में आदरणीय स्थान प्राप्त करता है और समृद्धि उसके जीवन का स्थायी हिस्सा बन जाती है।



Rule number 3

यदि किसी स्त्री जातक की कुंडली में बुध और शुक्र एक साथ विराजमान हों, तो उसके वैवाहिक जीवन में सौंदर्य और प्रेम का विशेष आशीर्वाद मिलता है। उसका पति न केवल आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है, बल्कि उसे सच्चे मन से प्रेम भी करता है।

परंतु, यदि इस शुभ युति पर राहु जैसे ग्रह की छाया पड़ जाए, तो स्थिति बदल जाती है। ऐसी स्त्री अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने में कठिनाई अनुभव करती है। परिणामस्वरूप, वह विवाह से पहले या विवाह के बाद भी अनचाहे संबंधों या अफेयर्स की ओर आकर्षित हो सकती है, जो उसके जीवन में उलझनें और चुनौतियाँ ला सकता है।


Rule number 4

यह युति जातक के भीतर सुरुचिपूर्ण और उच्च कोटि की रुचियां विकसित करती है। उसका स्वभाव न केवल सुंदर आदतों से सुसज्जित होता है, बल्कि वह शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में भी आगे बढ़ता है। ऐसे व्यक्ति का व्यक्तित्व refined, सुसंस्कृत और आकर्षक बन जाता है, जो हर जगह एक सकारात्मक छाप छोड़ता है।


Rule number 5

यदि किसी जातक की कुंडली के आठवें भाव में बुध और शुक्र की युति हो, तो इसे शुभ नहीं माना जाता। ऐसे व्यक्ति का चरित्र-पक्ष प्रायः थोड़ा कमजोर हो सकता है, और जीवन में नैतिक संघर्ष सामने आ सकते हैं।

इस योग की सबसे गहन विशेषता यह है कि जातक की मृत्यु प्रायः निद्रा अवस्था में ही होती है। मृत्यु तभी होती है जब उसका समय आता है लेकिन यह पक्की निशानी है कि बुध और शुक्र ग्रह की युति 8वें घर में है तो मान कर चलें कि इस व्यक्ति की जब मृत्यु होगी तो सोता हुआ स्वर्ग सिधार जाएगा।

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